kaliyug se kaise bacha ja sakta hai aur kya hone wala hai,kya kaha hai vishnu puran mein.

कलियुग में क्या होने वाले जाने,क्या

लिखा है विष्णु पुराण कैसा होगा कलियुग

और क्या होने वाला है कलियुग में!


विष्णुपुराण अट्ठारह पुराणों में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तथा प्राचीन है। यह श्री पराशर ऋषि द्वारा प्रणीत है। यह इसके प्रतिपाद्य भगवान विष्णु हैं, जो सृष्टि के आदिकारण, नित्य, अक्षय, अव्यय तथा एकरस हैं। इस पुराण में आकाश आदि भूतों का परिमाण, समुद्र, सूर्य आदि का परिमाण, पर्वत, देवतादि की उत्पत्ति, मन्वन्तर, कल्प-विभाग, सम्पूर्ण धर्म एवं देवर्षि तथा राजर्षियों के चरित्र का विशद वर्णन है!भगवान विष्णु प्रधान होने के बाद भी यह पुराण विष्णु और शिव के अभिन्नता का प्रतिपादक है। विष्णु पुराण में मुख्य रूप से श्रीकृष्ण चरित्र का वर्णन है, यद्यपि संक्षेप में राम कथा का उल्लेख भी प्राप्त होता है। विष्णु पुराण के छठे अंश के पहले अध्याय में कलिधर्मनिरूपण के बारे में बताया गया हैं। इस अधयाय में श्री मैत्रेयजी महामुने(श्री पराशरजी) से कलि के स्वरूप के विस्तार से वर्णन करने को कहते हैं।


  • श्री पराशरजी बताते हैं, कि कलियुग में जो बलवान होगा वहीं सबका स्वामी होगा चाहे किसी भी कुल में क्यों न उत्पन्न हुआ हो,वह डाभी वर्णों से कन्या ग्रहण करने में समर्थ होगा।
  • हे द्विज ! कलियुग में जिसके मुख से जो कुछ निकल जायेगा वही शास्त्र समझा जायेगा; उस समय सभी (भूत-प्रेत- मशान आदि) देवता होंगे और सभी के आश्रम होंगे। 
  • कलियुग में असमर्थ लोग सुख और आनद के नष्ट हो जाने से प्रायः सर्वदा दुर्भिक्ष तथा कलेश ही भोगेंगे |
  • कलि के आने पर लोग बिना स्नान किये ही भोजन करेंगे,अग्नि,देवता और अतिथि का पूजन न करेंगे और न पिण्डोदक क्रिया ही करेंगे
  • कलि में पॉँच-छः अथवा सात वर्ष की स्त्री और आठ-नौ या दस वर्ष के पुरुषो के ही संतान हो जायेगी
  • कलियुग में लोग मंद-बुद्धि,व्यर्थ चिह्न धारण करनेवाले और दुष्ट चित्तवाले होंगे,इसलिये वे अल्पकाल में ही नष्ट हो जायेगे!
  • कलियुग में मानव का मन नीचे गिरेगा, उसका जीवन पतित होगा। यह पतित जीवन धन की शिलाओं से नहीं रुकेगा, न ही सत्ता के वृक्षों से रुकेगा। किंतु हरि नाम के एक छोटे से पौधे से, हरि कीर्तन के एक छोटे से पौधे से मनुष्य जीवन का पतन होना रुक जाएगा।
  • लोग ऋण चुकाए बिना ही हड़प लेंगे तथा जिसका शास्त्र में कहीं विधान नहीं है ऐसे यज्ञों का अनुष्ठान होगा। 
  • कलियुग के अंत में संसार की ऐसी दशा होगी कि अन्न नहीं उगेगा। लोग मछली-मांस ही खाएंगे और भेड़ व बकरियों का दूध पिएंगे। गाय तो दिखना भी बंद हो जाएगी। होगी तो वह बकरी समान होगी। एक समय ऐसा आएगा, जब जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा। पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे। धीरे-धीरे ये सारी चीजें विलुप्त हो जाएंगी। गाय दूध देना बंद कर देगी।
  • द्रव्यराशी घर बनाने में ही समाप्त हो जाएगी इससे दान-पुण्य के काम नहीं होंगे और बुद्धि धन के संग्रह में ही लगी रहेगी। सारा धन उपभोग में ही समाप्त हो जाएगा।

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